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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।

अथवा
1809 से 1839 ई. के मध्य आंग्ल सिख सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
अथवा
प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध के कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

अंग्रेज सदैव से पंजाब को उर्वरा भूमि की ओर ललचाई दृष्टि से देख रहे थे। मई सन् 1838 ई. में ही डब्लू. एफ. आसबर्न ( W. F. Osborne ) ने लिखा था कि हमें रणजीत सिंह की मृत्यु के पश्चात् पंजाब को तुरन्त जीत लेना चाहिये और सिंध को अपनी सीमा बना लेना चाहिये। कम्पनी तो बड़े-बड़े ऊँटों को खा चुकी है, इस मच्छर की तो बात ही क्या है। इसी प्रकार सन् 1840 ई. में आकलैण्ड ने यह विचार व्यक्त किया था हमारे बहुत से राजनीतिक और सैनिक पंजाब को जीतने को बहुत आतुर हैं। सन् 1841 ई. में सर विलियम मेकनांटन ने लार्ड आकलैण्ड को सिक्खों को कुचल देने, पंजाब को सड़क की तरह पीट-पीट कर समतल कर देने तथा पेशावर को सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया था। लार्ड एलनबरो ने महारानी विक्टोरिया को एक पत्र में यह भावना प्रकट की थी कि सिक्ख शक्ति को समाप्त कर दिया जाये। इसी प्रकार उसने प्रधानमंत्री ड्यूक ऑफ वैलिंगटन को अक्टूबर सन् 1843 ई. में और फिर फरवरी सन् 1844 ई. में लिखा था, वह समय दूर नहीं जब पंजाब हमारे अधीन होगा। ऐसा नहीं कि यह अगले वर्ष ही होगा परन्तु है अनिवार्य।

सन् 1844 ई. में लार्ड एलनबरो के उत्तराधिकारी के रूप में लार्ड हार्डिंग जो एक प्रख्यात सैनिक था, गवर्नर जनरल बनकर आया। उसने तुरन्त सेना को सुदृढ़ करने के लिये आवश्यक प्रयत्न किये। पंजाब की सेना की संख्या 32 हजार कर दी गई जिसके पास 68 तोपें थी और 10 हजार आरक्षित सैनिक तैयार कर लिये गये। इसके अतिरिक्त मुम्बई से 57 नावें लाई गई ताकि पानटून (Pontoon) पुल बनाया जा सके। सतलज के पास सिक्ख सैनिकों ने यह सब देखा और अपने अर्थ निकाले। कम्पनी का कहना था कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता के कारण ये सब रक्षणात्मक तैयारियाँ की गई हैं। इस झूठ पर किसी को विश्वास नहीं था।

सन् 1843 ई. में मेजर ब्राडफुट की लुधियाने में कम्पनी के एजेण्ट के रूप में नियुक्ति हुई। उसने स्थिति और भी बिगाड़ दी। उसने घोषणा की कि सतलज के पार सभी रियासतें कम्पनी के न केवल संरक्षण में हैं। अपितु महाराजा दिलीप सिंह की मृत्यु पर ये सब जब्त हो जायेंगी। फिरोजपुर और मुल्तान के पास सीमाओं पर भी जो घटनाएँ हुईं उनसे स्थिति और भी बिगड़ गई। पी. ई. राबर्ट्स ने लाहौर में हुई घटनाओं पर दरबार के दलों और खालसा सेना पर अधिक बल देकर इस युद्ध का उत्तरदायित्व सिक्खों पर डालने का विफल प्रयत्न किया। उसके अनुसार रानी जिन्दा ने युद्ध छेड़ा क्योंकि रानी का संरक्षण, इसी में था यदि खालसा सेना हार गई तो उसकी शक्ति समाप्त हो जायेगी और यदि जीत गई तो अनंत प्रदेश उसके अधीन आ जायेगा।

सिक्खों ने अंग्रेजों की युद्ध की तैयारी का केवल एक अर्थ निकाला कि वे आक्रमण और युद्ध करना चाहते हैं। यदि वह युद्ध चाहते हैं तो उन्हें युद्ध पंजाब की धरती पर नहीं लड़ना है अपितु अंग्रेजों के अधीन प्रदेश में ही लड़ना है। अतएव 11 दिसम्बर, सन् 1845 ई. को सिक्ख सेना ने हरिके ओर कसूर के बीच सतलज नदी को पार किया और सर ह्यूम ग्राफ के अधीन अंग्रेज सेना से टक्कर ली। 13 . दिसम्बर, सन् 1845 ई. को लार्ड हार्डिंग ने युद्ध की घोषणा कर दी और यह कहा कि महाराजा दिलीप सिंह के राज्य का वह भाग जो सतलज के बायीं ओर है, वह आज से अंग्रेजी राज्य में मिलाया जाता है। सिक्ख सेना के प्रधान सेनापति लालसिंह ने विश्वासघात किया और कैप्टन निकलस के अनुसार, उसने संदेश भेजा कि, यदि वह (अंग्रेज) उसे और बीबी साहिबा (रानी जिन्दा) को अपना मित्र समझे तो वह अपनी शुभेच्छा का प्रदर्शन अपनी सेना को दो दिन तक रोक रखकर करेगा और दिन के लिए वह अपनी सेना को अस्सल ले गया और फिर कल को वह हरिके ले जायेगा।

इस युद्ध में चार लड़ाइयाँ, मुदकी, फिरोजशाह, बद्दोवाल, आलीवाल ऐसा हुई जो निर्णायक नहीं थी। केवल पाँचवीं सबराओं की लड़ाई (10 फरवरी, सन् 1816 ई.) निर्णायक सिद्ध हुई। लाल सिंह और तेज सिंह के विश्वासघात के कारण ही जिन्होंने सिक्खों की खाइयों का भेद अंग्रेजों को दे दिया और युद्ध सेना ने लाहौर पर अधिकार कर लिया और 9 मार्च सन् 1846 ई. को सिक्खों को लाहौर की संधि पर हस्ताक्षर करने पर बाध्य किया जिसकी शर्तें निम्नलिखित थीं.

1. महाराजा ने स्वयं और अपने उत्तराधिकारियों की ओर से सतलज के पार के समस्त प्रदेश सदैव के लिये छोड़ दिये।

2. महाराजा ने सतलज और व्यास नदियों के बीच स्थित सभी दुर्गों पर से अपना अधिकार पूर्णतया छोड़ दिया, जिन पर कम्पनी ने अधिकार कर लिया।

3. सिक्खों ने 1.5 करोड़ रुपया युद्ध के दण्ड के रूप में देना पड़ा, जिसमें से उन्होंने 50 लाख रुपया अपने कोष में से दिया और शेष के बदले व्यास और सिंध नदियों के बीच का पहाड़ी क्षेत्र, सभी अंग्रेजों के हाथों मे सौंप दिया जिसमें कश्मीर और हजारा के प्रान्त भी सम्मिलित थे।

4. महाराजा ने अपनी सेना 12 हजार घुड़सवार, 20 हजार पदाति तक ही सीमित करली, शेष सेना उन्होंने तोडना स्वीकार कर लिया।

5. महाराजा को कोई यूरोपीय अथवा अमेरिकन व्यक्ति अपनी सेवा में कम्पनी की अनुमति के बिना रखने की आज्ञा नहीं थी। अंग्रेजी सेना को सिक्ख राज्य में से गुजरने की खुली अनुमति दी गई।

6. अल्पवयस्क दिलीप सिंह को महाराजा स्वीकार किया गया, रानी जिंदा उसकी संरक्षक और लाल सिंह उसका वजीर स्वीकार किया गया।

7. सर हेनरी लारेन्स कम्पनी का लाहौर में रेजीडेंट नियुक्त किया गया और उसने पंजाब के आंतरिक प्रशासन में हस्तक्षेप न करने का वचन दिया। 2 दिन पश्चात् अर्थात् 11 मार्च को एक पूरक संधि (Supplementary Treaty ) की गई। इसके अनुसार वजीर लाल सिंह इत्यादि के अनुरोध पर अंग्रेजी सेना सन 1846 ई. के अन्त तक लाहौर में बनी रहेगी ताकि लाहौरवासियों और महाराजा की रक्षा करती रहे। लाहौर का दुर्ग अंग्रेजी सेना के लिये रिक्त कर दिया गया। उसके भरण-पोषण का भार भी खालसा दरबार को ही सहना था।

यह कहना कि फरवरी सन् 1846 ई. में ही पंजाब को अंग्रेजी राज्य में सम्मिलित इसीलिये नहीं किया गया क्योंकि कम्पनी रणजीत सिंह जोकि कम्पनी का मित्र था उसका मान करती थी, यह बात मानी नहीं जा सकती वास्तव में सिक्ख सेना समाप्त नहीं हुई थी। 25 हजार सैनिक तो लाहौर में ही थे और 8 हजार सैनिक पेशावर में थे। इसके अतिरिक्त सिक्ख एक योद्धा थे और सम्भवतः गोरिल्ला युद्ध चलता रहा। इससे अतिरिक्त कम्पनी का कोष रिक्त था। ग्रीष्म ऋतु आ रही थी। अत्एव एक नर्म व समझौते की नीति अपनायी गई। परन्तु पंजाब राज्य को इतना शक्तिहीन कर दिया गया कि उसका अंग्रेजी राज्य में सम्मिलित होना केवल समय का ही प्रश्न रह गया। उसकी सीमायें व सेनाएँ कम कर दी गयी और वित्तीय स्थिति निर्बल |

23 अक्टूबर, सन् 1847 ई. के एक पत्र में जो लार्ड हार्डिंग ने हेनरी लारेंस को लिखा था उसमें यह स्पष्ट था कि अल्पवयस्क कुमार एक प्रकार से हमारा बन्दी है और मार्च, सन् 1846 ई. की संधि का मुख्य उद्देश्य पंजाब की स्वतंत्रता ले लेना था।

 


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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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